तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ३
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
Type: PAGE | Rank: 0.01598325 | Lang: NA
बहुजिनसी - ॥ समास पांचवां - करंटेपरीक्षानिरूपणनाम ॥
‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे ।
Type: PAGE | Rank: 0.01331938 | Lang: NA
प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास दसवां - टोणपसिद्धलक्षणनाम ॥
यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01331938 | Lang: NA
दोहे - १ से ५०
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
Type: PAGE | Rank: 0.0106555 | Lang: NA
प्रेमचंद की कहानियाँ - बड़े भाई साहब
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.009227936 | Lang: NA